डॉ. रामबली मिश्र
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मिसिर बाबा की कुण्डलिया
नायक बनने के लिये, कुंठाओं को त्याग।
सब के प्रति सद्भावना,में आजीवन जाग।
में आजीवन जाग, हॄदय से निर्मल बनना।
देना दुख में साथ, हृदय से स्वागत करना।।
कहें मिसिर कविराय, बनो सब का सुखदायक।
सादा स्वच्छ विचार, बनाता सब को नायक।।
Sachin dev
31-Dec-2022 06:07 PM
Well done
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Sachin dev
31-Dec-2022 06:07 PM
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